अहिराणियों ने गोवर्धन तलहटी में पूजे गिरिराज

अहिराणियों ने गोवर्धन तलहटी में पूजे गिरिराज 

-द्वापर युगीन परंपरा को किया जीवंत, पंचामृत अभिषेक 

-ब्रज रज में बैठ किया परंपरागत लोक गीत-भजनों का गायन
संवाददाता आलोक तिवारी 
गोवर्धन। मथुरा जनपद यादव समाज की मातृशक्ति ने गोवर्धन गिरिराज तलहटी स्थित पंडित गया प्रसाद महाराज की समाधि स्थल के निकट गोवर्धन पूजा की। श्री कृष्णा ब्रज रास यादव उत्सव गोकुल के बाद बृजवासी अहिराणियों ने गोवर्धन पूजा कर द्वापर युगीन परंपरा को जीवंत किया। यहां मथुरा, अड़ींग, सकीतरा, संकरा, बांटी आदि गांवों से यादव समाज की मातृशक्ति एकत्र हुई थी।
बृजवासी अहिराणियों ने गोवर्धन पूजा कर तलहटी की रज में बैठ कर ब्रज के परंपरागत लोक भजन गायन किया। उनके गाये श्री गोवर्धन महाराज तेरे माथे तिलक विराज रह्यै आदि भजनों से आकाश को गिर्राज महाराज के जयकारों से गूंजाय मान कर दिया ।
श्री गिरिराज जी की शिला का दूध, दही, घी, बूरा, शहद, इत्र लगाकर पूजा अर्चना की। इसके बाद वस्त्र, दुपट्टा, भोग प्रसाद लगाकर पूजा संपन्न की। आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाने वाली शैली यादव, पूनम यादव, मीना , राखी, कनक , पुष्पा, पुष्प लता, सीमा, कृष्ण , नीम यादव, मंजू यादव, जीतू, सरिता,
के अतिरिक्त राहुल गोपाल यादव, पवन यादव, सकीतरा गजेंद्र यादव, सतीश, डॉक्टर धनराज,  योगेश यादव टीचर, वरिष्ठ समाजसेवी गौरी शंकर यादव पटवारी, बलिराम, चंदन सिंह, दिनेश, शेर सिंह, शैलेश, धीरज, क्रांति राज, बिजन,  ऋषभ एडवोकेट, विष्णु हरि, दिनेश, संजय, हरिओम आदि मौजूद रहे।
अंत में शैली यादव ने जी कृष्ण भक्तों का दुपट्टा देकर स्वागत किया । इसके बाद प्रहलाद यादव ने वरिष्ठ समाजसेवी गौरी शंकर पटवारी जी का सफा पहनकर अभिनंदन किया। श्री यादव ने कहा कि समाज की किसी भी परंपराओं को लुप्त नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने नौजवानों से कहा जिस समाज की कोई संस्कृति विरासत में नहीं होती वह समाज मिट जाते हैं

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