"राष्ट्रपति महोदया"
सैकड़ो पत्र/ज्ञापनों के उपरांत मेरा निवेदन क्यों नहीं सुना जा रहा ? संवाद'एवं जबाबदेही'का हमारा डेमोक्रेटिक अधिकार?
'महोदया'
सैकड़ो पत्र ज्ञापन प्रेषित किया सरकार एक न सुनी.संसार की सबसे बड़ी लुटेरी'क्रूर'सरकार ने हमारे पेट"एवं मार्ग"पर कर क्यों लगाया ?जीवन के अधिकार अनु 21 एवं कहीं आने-जाने की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार "अनु 19" की हत्या क्यों की? सरकार जीवन एवं स्वतंत्रता की हत्या करने वाले टैक्स समाप्त कर दें.अन्यथा संविधान दिवस 26 नवंबर सविनय अवज्ञा आंदोलन में उसी ढंग से तोडूंगा जैसे गांधी ने क्रूर लुटेरी अंग्रेजी हुकूमत का नमक कानून तोड़ा था। इसे स्वीकार करने का अर्थ है जीवन'एवं स्वतंत्रता'खो देना।"संविधान दिवस 26 नवंबर 'सविनय अवज्ञा"PM आवास नई दिल्ली
हमने बहुत खराब दौर देखा है.सरकार डिमॉनेटाइजेशन के
अवैज्ञानिक"विनाशकारी' कार्य में लगी थी.एक तरफ बड़ी नोट काटी"जलाई'जा रही थी और दूसरी तरफ करोड़ों लोग पैसे पैसे के अभाव में प्राण त्याग रहे थे जिसका हिसाब किताब सरकार के पास है.आज हमारे पेट'शिक्षा'चिकित्सा'रेल'पथ' पर कर"लगा दिया गया है या कीमतें बढ़ा दी गई है और कम से कम 5 किलो अनाज में जीवन की तलाश करने वाले 80 करोड़ कंगाल एवं 22 करोड़ कुपोषित जीवन की ज़रूरतों से वंचित है.मैं चाहता हूं सरकार आटा चावल दाल तेल चीनी दूध दही दवा पर टैक्स"शिक्षा चिकित्सा रेल पर टैक्स' समाप्त कर दे निजी गाड़ियों पर टोल टैक्स समाप्त कर दे या प्रत्येक टोल पर दोनों तरफ एक एक टोल लेन फ्री कर दे ताकि जिनके पास पैसे न हों वेभी कहीं आ जा सके। गरीबों को गैस का सिलेंडर फ्री दे ताकि उस घर के बच्चे और वृद्ध खाना पा सकें
प्रति :-- परम सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय
माननीय मानवाधिकार आयोग
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
सत्यपथ पुलिस स्टेशन शाहपुर गोरखपुर 273004
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