विभागीय समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश
संवाददाता आलोक
प्रदेश के मंत्री पशुधन एवं दुग्ध विकास, राजनैतिक पेंशन धर्मपाल सिंह ने जनपद मथुरा के भ्रमण के दौरान कलेक्ट्रेट सभागार में पशुधन एवं दुग्ध विकास विभाग के अधिकारियों के साथ विभागीय कार्यों की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश दिये। पशुपालन विभाग की समीक्षा के दौरान सीवीओ डॉ. विपिन गर्ग ने बताया कि जनपद में 07 वृहद गौआश्रय स्थल व 59 अस्थायी गौआश्रय स्थल संचालित है, जिसमें 25129 गौवंश संरक्षित हैं। जनपद में निराश्रित गोवंशों को संरक्षित करने के उद्देश्य से संचालित किये गये अभियान के दौरान लगभग 5000 गोवंशों को संरक्षित किया गया है। मंत्री श्री सिंह ने निर्देश दिया कि जनपद में निर्माणाधाीन वृहद केन्द्रों को निर्धारित मानक व गुणवत्ता के साथ समय से पूर्ण कराकर अवशेष गौवंशों को संरक्षित किया जाए। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि संरक्षित गोवंशों को शासन द्वारा निर्धारित मानक के अनुसार चारा-पानी, भूसा, शेड व चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाए। गोवंशों के संरक्षण में धनाभाव की स्थिति आड़े नहीं आने दी जायेग। मंत्री श्री सिंह ने विभागीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि गोसंरक्षण केन्द्रों पर कार्यरत कार्मिकों को विशेष रूप से केयर टेकरों को समय से मानदेय का भुगतान किया जाए तथा अन्य मदों में बिलों को लम्बित न रखा जाए ताकि गोवंशों का संरक्षण बेहतर से बेहतर ढंग से हो सके।
श्री सिंह ने यह भी निर्देश दिया कि निजी क्षेत्रों में संचालित गौशालाओं से सम्बन्धित देयकों के भुगतान हेतु समयबद्ध तरीके से कार्यवाही की जाए। मंत्री ने सहभागिता योजना का दायरा बढ़ाये जाने का भी निर्देश देते हुए कहा कि यह बहुत अच्छी योजना है। अधिक से अधिक लोगों को प्रेरित कर उन्हें योजना से आच्छादित किया जाए। जनपद में दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के लिए नस्ल सुधार पर विशेष फोकस किया जाए। अधिक से अधिक पशुओं का कृत्रिम गर्भाधान कराएं ताकि अधिक संख्या में बछिया की पैदावार होने से पशुपालकों को लाभ हो। शासन द्वारा निर्धारित मानक तथा स्थानीय आवश्यकताओं के अनुसार टीकाकरण एवं पशु उपचार के लिए अभियान संचालित करते रहें। पशुओं में संक्रामक रोग की रोकथाम के लिए जिले में दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता बनाये रखी जाए। गोआश्रय स्थलों में संरक्षित गोवंशों का भी नियमित स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें उपचार उपलब्ध कराएं तथा गौआश्रय स्थलों में मौसम के अनुकूल व्यवस्थाएं की जाएं।
दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा करते हुए मंत्री श्री सिंह ने निर्देश दिया कि जनपद में दुग्ध समितियों का समय से भुगतान किया जाए तथा जो समितियां निष्क्रिय हैं उन्हें क्रियाशील किया जाए। विभागीय अधिकारी योजनाओं से आमजन को जोड़ने का प्रयास करें ताकि जिले में दुग्ध उत्पादन वृद्धि हो सके और पशुपालकों के जीवन में खुशहाली आये। उन्होंने जिले के प्रमुख स्थानों पर मिल्क पार्लर खुलवाये जाने के निर्देश दिये। प्रधानमंत्री व प्रदेश के मुख्यमंत्री की शीर्ष प्राथमिकता में किसान व पशुपालक हैं। देश के किसानों में खुशहाली आने से देश स्वतः ही खुशहाल होगा।
बैठक में अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व योगानंद पांडेय, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ विपिन गर्ग, जिला समाज कल्याण अधिकारी नगेन्द्र पाल सिंह, अपर नगर आयुक्त नगर निगम सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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