वीर बाल दिवस के अवसर पर भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा जिला मुख्यालय पर भाजपा कार्यकर्ताओं को किया संबोधित

वीर बाल दिवस के अवसर पर भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष ने भाजपा जिला मुख्यालय पर भाजपा कार्यकर्ताओं को किया संबोधित।* 

 *वीर साहबजादों द्वारा प्रदर्शित साहस और दृढ़ संकल्प एक प्रमाण के रूप में स्थापित:कामेश्वर सिंह* 

 *कुशीनगर* 

धर्म और देश की रक्षा के लिए गुरु गोविंद सिंह के छः साल और नौ साल के साहबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह का बलिदान देश ही नहीं वल्कि पूरी दुनिया में अद्वितीय है।वीर साहबजादे द्वारा प्रदर्शित साहस और दृढ़ संकल्प एक प्रमाण के रुप में खड़ा है,जो औरंगजेब और उसके अनुयायियों को एक संदेश देता है कि भारत की युवा पीढ़ी क्रूरता के आगे झुकने से इनकार करती है और देश के मनोबल को बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित रहती है। यह राष्ट्र की नियति को आकार देने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है, जिससे वीर बाल दिवस को अतिरिक्त महत्व मिलता है।
     यह बातें भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने कहा। वह रविवार को रविन्द्र नगर भाजपा कार्यालय में आयोजित वीर बाल दिवस संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा आजादी के 75 वर्षों के बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर की सौगात सिख समाज को दी गयी। जो कि शत्रु देश पाकिस्तान से संधि करके संपूर्ण किया गया और अभी उसकी अग्रिम 5 वर्षों के लिए पुनः बढ़ाया है। अब मात्र आधार कार्ड अमृतसर के बार्डर पर दिखाकर व्यक्ति सुबह 11.00 बजे पाकिस्तान सीमा में जाकर गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करके 4.00 बजे वापस आ सकता है। मात्र रु0 50/- जिसका शुल्क लिया जाता है। केन्द्र सरकार द्वारा गुरु तेगबहादुर जी महाराज जी के 400 वें प्रकाश उत्सव पर दिल्ली लाल किला पर वृहद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिस किले से उनको शहीद करने का आदेश जारी हुआ था उपरोक्त स्थल पर यह कार्यक्रम अपने आपमें अविस्मरणीय था। 1984 से ब्लैक लिस्टेड सिख संस्थाओं से बैन हटाया गया। 1984 के नरसंहार की एस.आई.टी. टीम बनायी गयी। अभी विगत माह दिल्ली के राज्यपाल के द्वारा दिल्ली में पीड़ित परिवारों के परिजनों को सरकारी नौकरी प्रदान की गयी। लंगर से जी.एस.टी. हटाया जाना। श्री सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1984 के कानपुर नरसंहार के 43 दोषियों को 38 वर्षों के बाद जेल भेजा गया।उ०प्र० में विभिन्न गुरुद्वारों के जीर्णोद्वार हेतु धनराशि जारी की गयी। लखनऊ में खालसा चौक की स्थापना की गयी। लखनऊ में एल०डी०ए० कालोनी का नाम बदलकर गुरु तेगबहादुर नगर रखा गया। मुख्यमंत्री जी द्वारा लगभग 8 वर्षों में 75 बार विभिन्न गुरुद्वारों में दर्शन करने गये एवं कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। गुरुओं की जीवनी कक्षा 8, 9, 10 के पाठ्यक्रमों में शामिल किया।
      विशिष्ट अतिथि रामकोला गुरुद्वारा के ज्ञानी संजय सिंह ने कहा कि युवा साहिबजादों की अदम्य भावना ने मुगल सम्राट को क्रोधित कर दिया, जिसके कारण उन्हें तुरंत दीवारों के बीच दफना दिया गया। भारतीय इतिहास के इतिहास में, इस घटना को बाद में साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान के रूप में याद किया गया।
    संगोष्ठी को खड्डा विधायक विवेकानंद पाण्डेय, पूर्व जिलाध्यक्ष लल्लन मिश्र, रामकोला विधायक विनय प्रकाश गोंड ने भी सम्बोधित किया।जिलाध्यक्ष दुर्गेश राय ने अध्यक्षता और आभार व्यक्त किया तथा संचालन जिला उपाध्यक्ष दिवाकर मणि त्रिपाठी ने किया।इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक व जिला मंत्री विवेकानंद शुक्ल, सरदार सतपाल सिंह, पडरौना नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि मनीष जायसवाल बुलबुल,रामकोला नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सतीश चौधरी, जिला उपाध्यक्ष मनोज जायसवाल, सीता सिंह, जिला मंत्री अतुल श्रीवास्तव, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष अजय राय,जिला मीडिया प्रभारी विश्वरंजन कुमार आनन्द आई टी विभाग जिला संयोजक नमो नारायण मौर्य सहित सैंकड़ों पदाधिकारी कार्यकर्ता और आमजन उपस्थित थे।
धर्म और देश की रक्षा के लिए गुरु गोविंद सिंह के छः साल और नौ साल के साहबजादे बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह का बलिदान देश ही नहीं वल्कि पूरी दुनिया में अद्वितीय है।वीर साहबजादे द्वारा प्रदर्शित साहस और दृढ़ संकल्प एक प्रमाण के रुप में खड़ा है,जो औरंगजेब और उसके अनुयायियों को एक संदेश देता है कि भारत की युवा पीढ़ी क्रूरता के आगे झुकने से इनकार करती है और देश के मनोबल को बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित रहती है। यह राष्ट्र की नियति को आकार देने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है, जिससे वीर बाल दिवस को अतिरिक्त महत्व मिलता है।
     यह बातें भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह ने कहा। वह रविवार को रविन्द्र नगर भाजपा कार्यालय में आयोजित वीर बाल दिवस संगोष्ठी को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के द्वारा आजादी के 75 वर्षों के बाद करतारपुर साहिब कॉरिडोर की सौगात सिख समाज को दी गयी। जो कि शत्रु देश पाकिस्तान से संधि करके संपूर्ण किया गया और अभी उसकी अग्रिम 5 वर्षों के लिए पुनः बढ़ाया है। अब मात्र आधार कार्ड अमृतसर के बार्डर पर दिखाकर व्यक्ति सुबह 11.00 बजे पाकिस्तान सीमा में जाकर गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करके 4.00 बजे वापस आ सकता है। मात्र रु0 50/- जिसका शुल्क लिया जाता है। केन्द्र सरकार द्वारा गुरु तेगबहादुर जी महाराज जी के 400 वें प्रकाश उत्सव पर दिल्ली लाल किला पर वृहद कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिस किले से उनको शहीद करने का आदेश जारी हुआ था उपरोक्त स्थल पर यह कार्यक्रम अपने आपमें अविस्मरणीय था। 1984 से ब्लैक लिस्टेड सिख संस्थाओं से बैन हटाया गया। 1984 के नरसंहार की एस.आई.टी. टीम बनायी गयी। अभी विगत माह दिल्ली के राज्यपाल के द्वारा दिल्ली में पीड़ित परिवारों के परिजनों को सरकारी नौकरी प्रदान की गयी। लंगर से जी.एस.टी. हटाया जाना। श्री सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 1984 के कानपुर नरसंहार के 43 दोषियों को 38 वर्षों के बाद जेल भेजा गया।उ०प्र० में विभिन्न गुरुद्वारों के जीर्णोद्वार हेतु धनराशि जारी की गयी। लखनऊ में खालसा चौक की स्थापना की गयी। लखनऊ में एल०डी०ए० कालोनी का नाम बदलकर गुरु तेगबहादुर नगर रखा गया। मुख्यमंत्री जी द्वारा लगभग 8 वर्षों में 75 बार विभिन्न गुरुद्वारों में दर्शन करने गये एवं कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। गुरुओं की जीवनी कक्षा 8, 9, 10 के पाठ्यक्रमों में शामिल किया।
      विशिष्ट अतिथि रामकोला गुरुद्वारा के ज्ञानी संजय सिंह ने कहा कि युवा साहिबजादों की अदम्य भावना ने मुगल सम्राट को क्रोधित कर दिया, जिसके कारण उन्हें तुरंत दीवारों के बीच दफना दिया गया। भारतीय इतिहास के इतिहास में, इस घटना को बाद में साहिबजादा जोरावर सिंह और साहिबजादा फतेह सिंह द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान के रूप में याद किया गया।
    संगोष्ठी को खड्डा विधायक विवेकानंद पाण्डेय, पूर्व जिलाध्यक्ष लल्लन मिश्र, रामकोला विधायक विनय प्रकाश गोंड ने भी सम्बोधित किया।जिलाध्यक्ष दुर्गेश राय ने अध्यक्षता और आभार व्यक्त किया तथा संचालन जिला उपाध्यक्ष दिवाकर मणि त्रिपाठी ने किया।इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक व जिला मंत्री विवेकानंद शुक्ल, सरदार सतपाल सिंह, पडरौना नगर पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि मनीष जायसवाल बुलबुल,रामकोला नगर पंचायत अध्यक्ष प्रतिनिधि सतीश चौधरी, जिला उपाध्यक्ष मनोज जायसवाल, सीता सिंह, जिला मंत्री अतुल श्रीवास्तव, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष  अजय राय,जिला मीडिया प्रभारी विश्वरंजन कुमार आनन्द आई टी विभाग जिला संयोजक नमो नारायण मौर्य सहित सैंकड़ों पदाधिकारी कार्यकर्ता और आमजन उपस्थित थे।

 *दिनेश जायसवाल की रिपोर्ट*

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