"परम सम्माननीय मुख्य न्यायाधीश' जस्टिस संजीव खन्ना' जस्टिस 'संजय कुमार''जस्टिस केवी विश्वनाथन"
"जब तक भारत आबाद रहेगा आप 'त्रिदेव' हिंदू-मुसलमान दोनों के दिलों में बसे रहेंगे"
चीफ़ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की विशेष पीठ ने आदेश पारित किया कि "जैसा कि मामला इस न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है, हम यह निर्देश देना उचित समझते हैं कि हालांकि मुकदमा दायर किया जा सकता है, लेकिन इस न्यायालय के अगले आदेश तक कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा और न कार्यवाही की जाएगी। हम यह भी निर्देश देते हैं कि लंबित मुकदमों में,अदालतें सर्वेक्षण के आदेशों सहित कोई प्रभावी अंतरिम आदेश या अंतिम आदेश पारित नहीं करेंगी।
'हिस्टोरिक जजमेंट'ऑर्डर' इक्वलिटी' यूनिटी' एंड पीस के लिए 'इतिहास याद रखेगा' गांधी' भगत' सिंह अंबेडकर' कलाम' एवं 142 करोड लोगों के इस महान मुल्क में,मंदिर मस्जिद मूर्तियों के सहारे 'हिंदुत्व के हुड़दंगाईयों ने नफरत की जो आग लगाई थी वह बुझ गई।महान न्यायधीशों ने बुझा दिया उनके 'निर्णय आदेश' ने कानून 'प्लेसेस ऑफ़ वरशिप (प्रीवेंटिव) एक्ट"की रक्षा की एवं न्याय'संस्थित'किया.
नफरत' दमित' हो गया. इस जजमेंट की पल-पल मैं प्रतीक्षा कर रहा था।भारत की सबसे बड़ी विरासत 'हिंदू मुस्लिम एकता' जिससे दुनिया हमें जानती है,टूटता देख मैं बेहद परेशान था, दुखी था,मेरे लिए असहनीय था मन ही मन यह सोचता था कि आखिर सर्वोच्च न्यायालय नफरत रोकने में देर क्यों कर रही है? इस नफरत का मैं प्रचंड विरोध भी कर रहा था मा प्रधानमंत्री 22 जनवरी को अयोध्या में जब अवैधानिकता'अंधविश्वास' की नीव रख रहे थे तब मैं'सत्यपथ'पर'सत्याग्रह' कर रहा था.महामहीम राष्ट्रपति' 'सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय' को पत्र लिख रहा था.जिन मुसलमान के बिना गांधी भगत सिंह जीवित नहीं रह सकते थे उनकी मस्जिदों एवं कब्रों के नीचे मंदिर की तलाश हो रही थी जिन मुसलमान ने "स्वतंत्रता के प्रथम महासमर 1857"में अंग्रेजों से जंग लड़ी उनके घर बुलडोज किये जा रहे थे उन्हें गोलियां मारी जा रही थी,जीवन में मैंने 'ऐसी नफरत'नहीं देखी,आज मुझे लगा मेरा'महान भारत'महफूज है जब तक संविधान' है और 'महान न्यायालय की ऊंची दीवारें उस 'महान नगरिया दिल्ली' में खड़ी हैं तब तक भारत'भारत रहेगा,नफरती सत्ता में आएंगे और चले जाएंगे। जिन लोगों ने, सत्ता हासिल करने के लिए, अयोध्या में 'नफरत के नीव' रखी थी वे भी जमीन में दफन हो गए और जिन्होंने' हिंदू-मुस्लिम एकता मोहब्बत का पैगाम दिया' वह भी जमीन में दफन हो गए परंतु वे हमारे दिलों में तब तक रहेंगे जब तक 'मानव सभ्यता' एवं मनुष्यता जीवित रहेगी।
प्रति: 'महामहिम राष्ट्रपति'
डॉ संपूर्णानंद मल्ल पूर्वांचल गांधी
सत्यपथ थाना शाहपुर 273004 गोरखपुर
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