संविधान' एवं तिरंगे'अंबेडकर' कलाम की प्रतिमा के साथ सत्याग्रह करूंगा: पूर्वांचल गांधी

मानवाधिकार दिवस'10 दिसंबर 2024
 ''महामहिम राष्ट्रपति महोदया"
 
     सत्य'अहिंसा'इकलौता मार्ग है जिसपर मैं चलता हूं

मा.'उच्च न्यायालय इलाहाबाद' पर 13 दिसंबर 10: AM से  3 PM बजे तक,'संविधान' एवं तिरंगे'अंबेडकर' कलाम की प्रतिमा के साथ सत्याग्रह करूंगा। 'परम सम्माननीय मुख्य न्यायाधीश.संविधान पीठ''को 'मेमोरेंडम'द्वारा 'सम्माननीय मुख्य न्यायाधीश' उच्च न्यायालय इलाहाबाद, दूंगा'

🙏मुझे न'बहुसंख्यक हिंदू'चाहिए न अल्पसंख्यक मुसलमान' या कोई 'अन्य' मुझे केवल संविधान चाहिए।भारत बहुसंख्यक हिंदुओं की इच्छा से नहीं 'संविधान'से चलता है संविधान की आत्मा 'समानता' से चलता है, बहुसंख्यक अल्पसंख्यक दोनों का अधिकार बराबर है किसी से किसी का रत्ती भर कम नहीं है किसी एक व्यक्ति का अधिकार भी उतना ही है जितना 142 करोड लोगों का"
'महोदया'
'जस्टिस शेखर यादव के बयान'--कुछ अंश
'हम अपने बच्चों को जन्म से ही सहनशीलता: सीखाते हैं दया' सीखाते हैं उन्हें 'जानवरों एवं प्रकृति से प्यार' करना सिखाते हैं दूसरे के दर्द से हमें दुख होता है लेकिन ---आप ऐसा महसूस नहीं करते --जब उनके सामने जानवरों को मारेंगे तो उनका बच्चा सहनशीलता एवं दया कैसे सीखेगा? 'भारत बहुसंख्यकों की इच्छा अनुसार चलेगा' 
'महोदया'
उपदेशात्मक पंक्तियां' एवं शब्द' प्रत्येक मनुष्य के लिए है' परंतु अल्पसंख्यक हिंदुओं से इसकी तुलना नफरत है।'जीवन का अधिकार अनुच्छेद 21 'अहिंसा' के 'मेटल' से बना है 'पर्यावरण सुरक्षित रखना' प्रत्येक नागरिक का 'मौलिक कर्तव्य' एवं नीति निर्देशक तत्व है.जज शेखर यादव का बयान कि 'बहुसंख्यक हिंदू 'हिंसा नहीं करता'दूसरी तरफ पंथ विशेष हिंसक है,अवैधानिक'असंवैधानिक' नफरती' आपत्तिजनक' एवं संविधान की हत्या'है टू डेवलप साइंटिफिक टेंपर'एंड ह्यूमैनिटी''मौलिक कर्तव्य की हत्या है। यकीन नहीं होता कि उच्च न्यायालय का जज ऐसा बयान दे सकता है। संविधान इसकी अनुमति नहीं देता 

'महोदया'
     " मुझे संविधान चाहिए न कम न अधिक"
🙏 जज शेखर यादव हिंदुत्व'के हुड़दंगाई लगते है  इनके इस बयान से न्यायाधीशों की नियुक्ति करने वाले"कॉलेजियम सिस्टम"में भरोसा नहीं है। जज 'न्याय' की जगह 'जुर्म'संस्थित कर रहे हैं.जज जिस सहनशीलता एवं अहिंसा की बात कर रहे हैं उसी के गोडसे ने गांधी (79)को गोली मार दी। मैं मानता हूं गोडसे ने हिंदुस्तान को 'गनडाउन किया क्या जज इसी को अहिंसा'एवं सहिष्णुता'कहते हैं? हिंदुस्तान की आजादी हिंदू मुस्लिम एकता' फांसी "कुर्बानी' का नतीजा है। यदि, गांधी भगत सिंह अंबेडकर कलाम एवं 142 करोड लोगों के भारत की एकता बचानी है तब 142 करोड लोगों का 'संवैधानिक दायित्व'( संविधान की रक्षा) एवं 'धर्म' है  कि विगत 'सौ वर्षों से 'नफरत की फैक्ट्री''बनी RSS एवं उसकी अनुसंगी नफरती संस्थाऐ प्रतिबंधित कर दी जाए.

🙏उच्च न्यायालय में सभी नियुक्तियां,'न्यायिक सेवा आयोग'  जिसका संचालन सर्वोच्च न्यायालय के अधीन हो,अखिल भारतीय न्यायिक सेवा परीक्षा संपादित कर की जाए.सर्वोच्च न्यायालय में कोई सीधी नियुक्ति न की जाए। प्रोन्नति में 'वरिष्ठता क्रम' की पूर्ववत व्यवस्था जारी रखा जाए

🙏2014 के उपरांत देश के उच्च न्यायालय में नियुक्त जजेज की नियुक्ति पर 'सम्माननीय सर्वोच्च न्यायालय की 'संविधान पीठ' पुनर्विचार करे,कहीं ऐसा तो नहीं कि भाजपा शासित प्रादेशों में जज के रूप में 'हिंदुत्व के हुड़दंगाई'न्यायपालिका' में पहुंच चुके हों ?

🙏जस्टिस शेखर यादव जिन्होंने संविधान"शपथ':संविधान रक्षा' 'भेदभाव रहित"निष्पक्ष न्याय"की हत्या की है जिन्होने 'संविधान एवं न्याय की आत्मा 'समानता' की हत्या की है,  बहुसंख्यक हिंदूशब्द' (अलगाववादी'असंवैधानिक'नफरती ) का इस्तेमाल किया है' गैर हिंदुओं में न्यायपालिका के प्रति भरोसा खंडित किया है "न्यायिक सेवा से अलग कर दिया जाए।

'महोदया' 
 'जीवन रक्षा'
हिंदुत्व'के हुडदंगियों'एवं नफरतियों' से मेरे एवं मेरे परिवार की Z+ सुरक्षा की जाए। मुझे गांधी पटेल जवाहरलाल अंबेडकर सुभाष भगत सिंह कलाम का भारत चाहिए नफरतियों का हिंदू राष्ट्र नहीं। जबतक प्राण है हिंदूराष्ट्र'नहीं बनने दूंगा.

प्रति : 
परम सम्माननीय मुख्य न्यायाधीश संविधान पीठ
माननीय उपराष्ट्रपति 
सम्माननीय मुख्य न्यायाधीश इलाहाबाद हाई कोर्ट
सम्माननीय अध्यक्ष लोकसभा
माननीय कानून' एवं न्याय' मंत्री
माननीय गृह मंत्री

डॉ संपूर्णानंद मल्ल        पूर्वांचल गांधी
पीएचडी हिस्ट्री' डिपार्टमेंट ऑफ हिस्ट्री फैकल्टी ऑफ़ सोशल साइंसेज देलही यूनिवर्सिटी
'सत्यपथ'थाना शाहपुर' 273004 गोरखपुर

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