पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार स्वo श्री राम लाल राही जी एक महान उदाहरण

पूर्व केंद्रीय मंत्री भारत सरकार स्वo श्री राम लाल राही जी एक महान उदाहरण (नेता और कार्यकर्ताओं के संबंध का) :-- सन 1976 में मेरे पूजनीय पापा स्वo श्री सिद्धेश्वर शुक्ला जी को बाबू जी ने कांग्रेस की सदस्यता दिलाई थी तब से अब तक का वह संबंध आज 50वें साल में है और रिश्तों में वही गर्माहट आज भी है जब कि आज संबंध बनाने वाले दोनों मेरी पूजनीय हस्तियां श्री रामलाल राही जी और श्री सिद्धेश्वर शुक्ला जी अब स्वर्ग से ही हमें आशीर्वाद दे रहे होंगे । बाबू जी अपने कार्यकर्ताओं को राजनीतिक साथी मात्र नहीं अपने परिवार का हिस्सा बनाते थे l
अपने कार्यकर्ता, साथी के सुख और दुख में नेता की मौजूदगी ये सुनिश्चित करती है कि कोई है जो मेरे लिए खड़ा है यही बात कार्यकर्ताओं को आजीवन वफादार बनाए रखती है ।

बाबू जी का विशाल हृदय और उसमें स्थान पाए सैकड़ों लोग आज भी पूरी निष्ठा और वफादारी से राही परिवार से जुड़े हुए हैं ।नेता बड़ा, राजनीति बड़ी अपने वफादारों, जानिसारों से होती है चाटुकारों से नहीं ।
बाबू जी का इतना बड़ा कद इतने सालों की पारिवारिक राजनीति निश्छलता, सहजता, सरलता और आत्मीयता की बदौलत है अपने हर साथी के अभिभावक की भूमिका में थे बाबू जी !

व्यक्ति का चरित्र रक्त से बनता है बाबू जी से जुड़े हुए गरीब अमीर लोग जो समाज के सभी वर्गों से आते हैं उनको यथोचित सम्मान, स्नेह, प्रेम, वात्सल्य आज भी राही परिवार देता है।

विगत दो दिनों से मैं निरंतर सीतापुर में बाबू जी द्वारा स्थापित श्री साईं शिव शक्ति मंदिर पर 31दिसंबर को आयोजित पूर्व विधायक हरगांव बड़े भाई श्री रमेश राही जी द्वारासाईं बाबा की शोभायात्रा के दौरान और भंडारे में उपस्थित रहा l

कल नए साल के पहले दिन उत्तर प्रदेश सरकार के कारागार मंत्री बड़े भाई सुरेश राही जी द्वारा बाबू जी और अम्मा के जन्मदिन पर बाबू जी के परिवारों को आमंत्रित किया गया था ।

हाड़ कंपाती ठंड में उम्र के अंतिम पड़ाव पर मौजूद बाबू जी के मित्र, साथी रहे लोगों की उपस्थिति और मेरी निगाह में उससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण तमाम युवाओं की उपस्थिति जो अपने पुरखों के रिश्तों को निभाने के लिए दोनों दिन वहां मौजूद थेl

इस के पीछे मुझे ये समझ में आया कि बाबू जी ने जो स्नेह की प्रीति की शिक्षा परिवार को दी थी जो रिश्ते, जो वफादार अपने परिवार को दिए थे उनको आत्मिक रूप से प्यार और सम्मान बाबू जी के बेटे , बहुएं देकर किसी भी तरह हर रिश्ते को बचाने में बाबू जी का परिवार आज भी लगा है ।

धन्य हैं स्व श्री रामलाल राही जी और उनकी शिक्षा और मित्रों, सहयोगियों के प्रति उनका वात्सल्य और स्नेह ।
आज जब आप किसी को प्रधान बना दो तो वो ही खुद को गुरुओं का गुरु बताने लगता है लेकिन भारत सरकार में मंत्री बनने के बाद भी स्वo बाबू जी ने सीतापुर में स्व0ताराचंद माहेश्वरी जी और स्व श्री हेमवती नंदन बहुगुणा जी की प्रतिमा लगाकर पूरी दुनिया को कहा कि ये मेरे गुरु थे ।

आज भी कारागार मंत्री बड़े भाई श्री सुरेश राही जी के अतिथि कक्ष में बाबू जी के दोनों गुरुओं की फोटो लगी हुई हैं और मंत्री जी बड़े गर्व से लोगों को बताते हैं कि ये मेरे पूज्य पिता के सम्मानित गुरु हैं ।

जब मंत्री जी मेरे कंधे पर हाथ रखकर खैरियत पूछते हैं तो अहसास होता है कि मेरे पापा का पुण्य, उनकी कमाई, उनके संबंध आज भी मेरी रक्षा कर रहे हैं ।

धोखे और मक्कारी की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चल सकती ये पीढ़ी दर पीढ़ी तभी चलेगी जब आप में मेरे स्व0 बाबू जी श्री रामलाल राही जी जैसे गुण होंगे तब ही आपको मेरे पापा स्व0 श्री सिद्धेश्वर शुक्ला जी जैसे खरे लोग हासिल होंगे और दोनों की औलादें भी एक दूसरे के प्रति सच्ची निष्ठा,वफादारी से जुड़ी रहेंगी ।
बाबू जी , पापा जी को सादर नमन ,विनम्र श्रद्धांजलि 🙏🙏

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